कोलकाता में हाल ही में हुई बलात्कार-हत्या की घटना के जवाब में हावड़ा से 'नबन्ना मार्च' शुरू किया गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा आयोजित यह मार्च पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के रूप में कार्य करता है। इस मार्च का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा और राज्य में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त करना है। इस घटना के बाद, विपक्षी दलों ने कानून-व्यवस्था को संभालने के तरीके को लेकर सरकार की आलोचना की है। मार्च का उद्देश्य राज्य सचिवालय नबन्ना तक पहुंचना है। इस कार्यक्रम के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संभावित झड़प के भी संकेत मिल रहे हैं. इस घटना ने राज्य में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीतिक विवाद को फिर से जन्म दे दिया है।
8 अगस्त से 9 अगस्त तक, कोलकाता में छात्र और कर्मचारी संगठन नबन्ना मार्च करेंगे. यह मार्च एक ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर के विरोध में होगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सभी मंत्री और अधिकारी पश्चिम बंगाल सरकार के सचिवालय में बैठते हैं।
पश्चिम बंग छात्र समाज और संग्रामी जौथा मंच ने नबन्ना अभिजान रैली निकालकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है। प्रदर्शनकारी विद्यार्थी दोपहर 12:45 बजे नबन्ना पहुंचे।हावड़ा से लगे सांतरागाछी में प्रदर्शकारियों ने पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ दी। पुलिस ने इसके बाद उन पर लाठीचार्ज किया।
हिंसा का हवाला देते हुए पुलिस ने रैली को गैरकानूनी बताया है। 6 हजार सैनिकों को सात रूटों पर तीन लेयर में तैनात किया गया है ताकि प्रदर्शनकारियों को नबन्ना जाने से रोका जा सके। 19 स्थानों पर बैरिकेंडिंग और 21 स्थानों पर डीसीपी लगाए गए हैं।
हावड़ा ब्रिज, जो कोलकाता को हावड़ा से जोड़ता है, सरकार ने बंद कर दिया है। ड्रोन की मदद से निगरानी किया जा रहा है। पानी के कैनन, वज्र वाहन और (QRT) भी उपलब्ध हैं।
नबन्ना राज्य सचिवालय पर BNS की धारा 163 (CrPC की धारा 144) लागू है। यहां पांच से अधिक लोग एक साथ नहीं मिलेंगे।
प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास
आरजी कर मेडिकल कॉलेज घटना को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स को खींचकर हटा दिया और 'नबन्ना अभियान' मार्च निकाला। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले फेंके गए। वहीं, पुलिस ने हावड़ा ब्रिज से प्रदर्शनकारियों के भीड़ को हटाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया।
चार हजार पुलिसकर्मी तैनात
सुरक्षा व्यवस्था में कोलकाता और बंगाल पुलिस के करीब 4,500 जवान लगाए गए हैं। आईजी और डीआईजी रैंक के 21 अधिकारी तैनात रहेंगे। 13 एसपी या डीसी रैंक के अधिकारी तैनात रहेंगे। साथ ही ADCP या SP रैंक के 15 अधिकारियों को भी नवान्न और आसपास के इलाकों में तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही 22 एसीपी / डिप्टी एसीपी रैंक के अधिकारियों और 26 इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों के साथ दो हजार से अधिक पुलिसकर्मी नवान्न और आसपास के इलाकों में कानून व्यवस्था की स्थिति संभालेंगे।