क्वाड (Quad) जिसे 'Quadrilateral Security Dialogue' कहा जाता है, चार प्रमुख देशों—भारत, अमेरिका, जापान, और ऑस्ट्रेलिया—का एक अनौपचारिक समूह है। इसका निर्माण एक मंच के रूप में समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने, क्षेत्रीय स्थिरता और शांति बनाए रखने, और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए किया गया था।
क्वाड का इतिहास
क्वाड की स्थापना की पहली पहल 2007 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे द्वारा की गई थी। प्रारंभिक समय में इस समूह का उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना था, लेकिन 2008 में ऑस्ट्रेलिया के इस समूह से हटने के बाद यह पहल ठंडे बस्ते में चली गई। हालांकि, 2017 में बढ़ते सुरक्षा और राजनीतिक चिंताओं के मद्देनज़र इस समूह को पुनः सक्रिय किया गया।
क्वाड के उद्देश्य और कारण
क्वाड का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ाना है, खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करना। समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई इसके मुख्य मुद्दे हैं। यह समूह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि समुद्री मार्गों पर किसी भी प्रकार का एकतरफा नियंत्रण न हो और यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय कानूनों के आधार पर संचालित हो। यह सुनिश्चित करने के लिए चारों देश मिलकर काम कर रहे हैं ताकि यह क्षेत्र एक सुरक्षित और स्वतंत्र क्षेत्र बना रहे।
क्यों बना क्वाड भारत के लिए महत्वपूर्ण?
भारत के लिए क्वाड का महत्व कई कारणों से है:
समुद्री सुरक्षा: हिंद महासागर में चीन की बढ़ती सक्रियता को संतुलित करने के लिए यह एक आवश्यक मंच है। भारत अपने समुद्री सुरक्षा हितों की रक्षा करना चाहता है और क्वाड के माध्यम से यह सुनिश्चित करता है कि क्षेत्रीय संतुलन बना रहे।
आर्थिक सहयोग: क्वाड देशों के साथ सहयोग करने से भारत के लिए नए व्यापारिक अवसर उत्पन्न होते हैं और यह आर्थिक विकास में भी सहायक साबित होता है।
रणनीतिक साझेदारी: क्वाड भारत को एक मजबूत अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करता है, जिससे उसे वैश्विक मामलों में अपनी भूमिका को मजबूती से प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है।
2024 का क्वाड शिखर सम्मेलन
2024 में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भाग लिया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना, शांति और स्थिरता को बनाए रखना, और उभरती वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना था। विशेष रूप से, यूक्रेन और गाजा क्षेत्र में चल रहे संघर्षों के समाधान के तरीकों पर भी चर्चा की गई।
चीन और क्वाड की भूमिका
चीन की विस्तारवादी नीतियों और समुद्री मार्गों पर उसके बढ़ते प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए क्वाड एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है। चीन की 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' (BRI) और उसकी आक्रामक समुद्री गतिविधियों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है। क्वाड इस चुनौती का सामना करने के लिए एकजुट होकर काम करता है ताकि क्षेत्र में संतुलन और स्थिरता बनी रहे ।
भारत-अमेरिका संबंध और क्वाड
क्वाड समिट ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को और मजबूत किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक नेतृत्व क्षमता की प्रशंसा की और यह संकेत दिया कि भारत-अमेरिका संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत और गतिशील हैं। इससे यह स्पष्ट हो गया कि दोनों देश न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक मुद्दों पर भी एक साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ।
निष्कर्ष
क्वाड एक ऐसा मंच है जो चार देशों के साझा हितों और उद्देश्यों को दर्शाता है। इसका गठन क्षेत्रीय सुरक्षा, स्वतंत्रता, और अंतरराष्ट्रीय कानूनों की रक्षा के लिए किया गया है। भारत के लिए क्वाड का महत्व समुद्री सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए है। आने वाले वर्षों में, क्वाड समिट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा, स्थिरता, और समृद्धि को बनाए रखने में।