परिचय
Google doodle: गूगल ने 24 अक्टूबर 2024 को प्रसिद्ध गायक KK (कृष्णकुमार कुन्नथ) को श्रद्धांजलि देने के लिए एक खास डूडल प्रस्तुत किया। यह डूडल उनकी अनमोल आवाज़ और संगीत के योगदान को सम्मानित करता है। KK की गायकी ने प्रेम, दोस्ती और बिछड़न के गहरे भावों को दिल छूने वाली धुनों में पिरोया। उनके गाने न केवल उनकी पीढ़ी के लिए बल्कि आज भी लोगों के दिलों में बसे हैं, जो उनकी अमर विरासत का प्रमाण है।
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Krishnakumar Kunnath को याद करते हुए: गूगल डूडल ने लाखों लोगों की आवाज़ को श्रद्धांजलि दी |
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KK कौन थे?
- जन्म: 23 अगस्त 1968
- निधन: 31 मई 2022
KK का संगीत करियर प्लेबैक सिंगर के रूप में भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में चमका। हिंदी के अलावा उन्होंने तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और बंगाली भाषा में भी गाने गाए।
बिना औपचारिक संगीत शिक्षा के, उनकी गहरी और भावुक आवाज़ ने उन्हें संगीत प्रेमियों के दिलों में एक विशेष स्थान दिलाया। 1990 के दशक में म्यूजिक एलबम और फिल्मों में गाए गाने ने उन्हें घर-घर में लोकप्रिय बना दिया।
प्रमुख गाने और उनकी लोकप्रियता
- "यारों" और "पल" (1999) – ये गाने दोस्ती और विदाई का पर्याय बन गए। आज भी स्कूल और कॉलेज की विदाई में इन गानों को सुनना आम है।
- "तड़प तड़प के" (हम दिल दे चुके सनम, 1999) – यह गीत प्रेम में पीड़ा का प्रतीक बन गया, जो आज भी अपने संगीत और भावनाओं से श्रोताओं का दिल छूता है।
- "जरा सा" (जन्नत, 2008) – इस रोमांटिक गीत ने युवा दिलों पर गहरी छाप छोड़ी और KK की लोकप्रियता को और बढ़ाया।
गूगल डूडल का महत्व
गूगल ने KK को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी आवाज़ की स्थायित्व को सलाम किया है। यह डूडल किसी विशेष तिथि को चिन्हित नहीं करता बल्कि यह उनकी कला और विरासत का सम्मान है, जो समय की सीमाओं से परे है। उनका संगीत आज भी श्रोताओं के दिलों में गूंजता है, और गूगल के माध्यम से उन्हें फिर से याद करना उनकी अनमोल धरोहर को जीवित रखता है।
KK का प्रभाव और विरासत
KK का संगीत विभिन्न पीढ़ियों के लिए एक भावनात्मक जोड़ बना रहा है। उनके गाने विदाई समारोहों, रोमांटिक पलों और त्योहारों का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। उनकी गायकी में भावनाओं की गहराई और सादगी ने उन्हें हर वर्ग के श्रोताओं के करीब ला दिया।
उनका सरल स्वभाव और निजी जीवन से दूर रहना भी उन्हें खास बनाता है। KK की यह सादगी और उनकी भावपूर्ण आवाज़ उन्हें एक आइकॉनिक गायक बनाती है, जो श्रोताओं के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे।
निष्कर्ष
गूगल का यह डूडल न केवल KK को याद करने का माध्यम है, बल्कि यह संगीत की अनन्तता का भी प्रतीक है। KK की आवाज़ और उनके गीत समय के साथ भी नहीं मिटे हैं। उनकी अनमोल धुनें और गीत आने वाली पीढ़ियों के दिलों में भी गूंजते रहेंगे। इस श्रद्धांजलि के माध्यम से गूगल ने यह संदेश दिया है कि कला कभी खत्म नहीं होती, और KK की संगीत यात्रा आज भी श्रोताओं के साथ बनी हुई है।