परिचय
हाल ही में, सिगरेट-तंबाकू और कोल्ड ड्रिंक्स पर 35 प्रतिशत तक टैक्स बढ़ाने का नया फैसला लिया गया है। यह निर्णय भारतीय सरकार द्वारा जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) दरों में सुधार के तहत किया गया है। वर्तमान में, इन उत्पादों पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत है, जिसे अब बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है। यह कदम स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और राजस्व संग्रह में सुधार के लिए उठाया गया है।
GST में होगी बढ़ोतरी
मंत्री समूह की सिफारिश
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में गठित मंत्री समूह (GoM) ने यह सिफारिश की है। इस समूह ने कुल 148 वस्तुओं पर कर दरों में बदलाव का प्रस्ताव दिया है, जिसमें सिगरेट, तंबाकू और कोल्ड ड्रिंक्स शामिल हैं। मंत्री समूह ने जीएसटी परिषद को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 21 दिसंबर को होने वाली बैठक का इंतजार किया है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
इस नए टैक्स प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य हानिकारक उत्पादों के उपयोग को कम करना और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को कम करना है। उच्च कर दरें इन उत्पादों की खपत को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं, जिससे समाज में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में कमी आएगी।
35 प्रतिशत तक टैक्स को बढ़ाने का नया फैसला
आर्थिक प्रभाव
इस फैसले का आर्थिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण होगा। उच्च कर दरें सरकार के लिए राजस्व संग्रह में वृद्धि कर सकती हैं। इससे प्राप्त धन का उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य विकासात्मक योजनाओं में किया जा सकता है। हालांकि, इस फैसले से संबंधित उद्योगों, जैसे कि सिगरेट और पेय पदार्थों के निर्माताओं पर भी दबाव पड़ेगा, जो कि उनकी बिक्री पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
उपभोक्ताओं पर असर
उपभोक्ताओं के लिए यह निर्णय महंगाई का कारण बन सकता है। सिगरेट और कोल्ड ड्रिंक्स जैसी वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। इससे विशेष रूप से निम्न-आय वर्ग के लोगों पर अधिक प्रभाव पड़ेगा, जो इन उत्पादों का उपयोग करते हैं।
GST संरचना और नई दरें
चार-स्तरीय कर प्रणाली
भारत में जीएसटी एक चार-स्तरीय कर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें 5%, 12%, 18% और 28% जैसे स्लैब शामिल हैं। नई प्रस्तावित दर 35% इस प्रणाली में एक नया स्लैब जोड़ती है, जो कि विशेष रूप से हानिकारक उत्पादों के लिए लागू होगी।
अन्य उत्पादों पर भी बदलाव
मंत्री समूह ने अन्य उत्पादों जैसे रेडीमेड कपड़ों पर भी जीएसटी दरों में बदलाव की सिफारिश की है। उदाहरण के लिए, 1,500 रुपये तक की लागत वाले कपड़ों पर 5% जीएसटी लगाया जाएगा जबकि महंगे कपड़ों पर क्रमशः 18% और 28% टैक्स लगेगा।
निष्कर्ष
सिगरेट-तंबाकू और कोल्ड ड्रिंक्स पर 35 प्रतिशत तक टैक्स बढ़ाने का निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है जो स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था दोनों पर प्रभाव डालेगा। यह निर्णय न केवल हानिकारक उत्पादों के उपयोग को नियंत्रित करने का प्रयास है बल्कि सरकार के लिए राजस्व संग्रह में सुधार करने का भी एक उपाय है। हालांकि, इसके संभावित नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए उचित उपाय किए जाने चाहिए ताकि आम जनता पर इसका बोझ कम हो सके।