Translate

b r ambedkar degrees: बाबा सहाब ने कितनी डिग्रियां हासिल कीं, अंबेडकर जी के... डिग्री के नाम,इनको कैसे अर्जित किया


परिचय 

डॉ. भीमराव अंबेडकर, भारतीय इतिहास के एक प्रमुख व्यक्तित्व, न केवल सामाजिक सुधारक और भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में प्रसिद्ध हैं, बल्कि उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए भी जाने जाते हैं। प्रश्न बाबा सहाब ने कितनी डिग्रियां हासिल कीं अक्सर उठता है, जो उनकी शैक्षणिक योग्यता के प्रति सम्मान को दर्शाता है। डॉ. अंबेडकर के पास 32 डिग्रियां थीं, जो उनकी मेहनत और बुद्धिमत्ता का प्रमाण हैं। इस ब्लॉग में हम उनके द्वारा अर्जित विभिन्न डिग्रियों, अध्ययन संस्थानों और उनके द्वारा सामना की गई बाधाओं पर चर्चा करेंगे।


B.R अंबेडकर की शैक्षिक यात्रा 

प्रारंभिक शिक्षा 

डॉ. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। वे महार जाति से संबंधित थे, जिसे भारतीय समाज में गंभीर भेदभाव का सामना करना पड़ा। इन चुनौतियों के बावजूद, उनकी माता ने उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।

  • बुनियादी शिक्षा : उनकी प्रारंभिक शिक्षा महाराष्ट्र के सतारा में एक छोटे से स्कूल में शुरू हुई।
  • मैट्रिक परीक्षा : 1907 में, उन्होंने बॉम्बे के एल्फिंस्टोन हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की।


उच्च शिक्षा 

डॉ. अंबेडकर का ज्ञान प्राप्त करने का सफर उन्हें भारत और विदेशों के कई प्रतिष्ठित संस्थानों तक ले गया।

स्नातक की डिग्री 

  • B.A. (Bachelor of Arts ): 1913 में, उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय के एल्फिंस्टोन कॉलेज से अर्थशास्त्र और राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

मास्टर की उपाधि 

  • M.A. (Master of Arts): उन्होंने न्यूयॉर्क शहर के कोलंबिया विश्वविद्यालय में आगे की पढ़ाई की और 1915 में एम.ए. की डिग्री प्राप्त की। 

  • M.Sc. (Master of Science): 1921 में, उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एम.एससी. की डिग्री अर्जित की। उनके शोध का विषय "ब्रिटिश भारत में प्रांतीय वित्त का विकेंद्रीकरण" था।

कानून की डिग्री 

  • Barrister-at-Law: 1920 में, वे ग्रेज़ इन से बैरिस्टर बने।

डॉक्टरेट की डिग्री 

  • D.Sc. (Doctor of Science): 1923 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से "रुपये की समस्या" पर शोध कार्य पूरा करने पर उन्हें डीएससी की उपाधि मिली।
  • Ph.D. (Doctor of Philosophy): 1927 में उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय से पीएचडी प्राप्त की, जो भारतीय अर्थशास्त्र में पहली थी।


कुल अर्जित डिग्रियाँ 

डॉ. अंबेडकर को कुल मिलाकर 32 डिग्रियां प्राप्त हुईं, जिनमें कई मानद उपाधियाँ भी शामिल हैं।


अंबेडकर जी के 32 डिग्री के नाम विस्तृत एक नजर

डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा अर्जित कुछ प्रमुख डिग्रियाँ निम्नलिखित हैं:


1. Matriculation  - एल्फिंस्टोन हाई स्कूल

2. B.A. - बॉम्बे विश्वविद्यालय

3. M.A. - कोलंबिया विश्वविद्यालय

4. M.Sc. - लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स

5. Barrister-at-Law - ग्रेज़ इन

6. D.Sc. - लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स

7. Ph.D. - कोलंबिया विश्वविद्यालय

8. L.L.D (Doctor of Laws) - विभिन्न विश्वविद्यालयों से मानद उपाधियाँ

यह सूची केवल उनकी कुल योग्यताओं का एक हिस्सा है लेकिन उनकी शिक्षा की विविधता और गहराई को उजागर करती है।


बी आर अंबेडकर ने ये डिग्रियां कैसे हासिल कीं?  (इनको कैसे अर्जित किया)

डॉ. अंबेडकर की शैक्षणिक यात्रा सामाजिक भेदभाव और आर्थिक कठिनाइयों से भरी थी; फिर भी उन्होंने दृढ़ संकल्प और बुद्धिमत्ता से सभी बाधाओं को पार किया।


छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता 

  • डॉ. अंबेडकर को बड़ौदा राज्य सरकार से एक छात्रवृत्ति मिली जिसने उन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय में अध्ययन करने का अवसर प्रदान किया।

  • उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता ने उन्हें विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता दिलाई।


भेदभाव पर काबू पाना 

  • अपने अध्ययन के दौरान, डॉ. अंबेडकर ने जातिगत भेदभाव और पूर्वाग्रह का सामना किया; फिर भी वे निरंतर उत्कृष्टता प्राप्त करते रहे।
  • उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों में सामाजिक न्याय और समानता का समर्थन किया।


प्रभावशाली विद्वानों के साथ नेटवर्किंग 

  • प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों जैसे कोलंबिया और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्ययन करते समय, उन्होंने प्रमुख विद्वानों और विचारकों से संपर्क किया जिन्होंने उनके विचारों को प्रभावित किया।


सशक्तिकरण के रूप में शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता 

  • डॉ. अंबेडकर ने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन और कमजोर समुदायों के लिए सशक्तिकरण का एक शक्तिशाली साधन माना।
  • उनकी शैक्षणिक उपलब्धियाँ उन लोगों के लिए प्रेरणा बनीं जो सामाजिक बंधनों से मुक्त होना चाहते थे।


बी .आर अंबेडकर की शिक्षा का समाज पर प्रभाव 

डॉ. भीमराव अंबेडकर की व्यापक शिक्षा ने आधुनिक भारत के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई:

  • भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार के रूप में, डॉ. अंबेडकर ने अपने ज्ञान का उपयोग मौलिक अधिकारों और सामाजिक न्याय की वकालत करने में किया।
  • उनके अर्थशास्त्र का ज्ञान भारत में गरीबी और असमानता से संबंधित मुद्दों को हल करने में मददगार साबित हुआ।
  • उन्होंने कई संस्थानों की स्थापना की जो कमजोर समुदायों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु कार्यरत हैं।


निष्कर्ष 

अंततः, B R Ambedkar का शैक्षणिक सफर केवल उनकी अर्जित डिग्रियों की संख्या तक सीमित नहीं है; यह सभी बाधाओं के खिलाफ ज्ञान प्राप्त करने की एक निरंतर खोज का प्रतीक है। प्रश्न बाबा सहाब ने कितनी डिग्रियां हासिल कीं हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे शिक्षा व्यक्तियों को सशक्त बनाती है और समाजों को बदलती है। उनके पास मौजूद 32 डिग्रियां आज भी कई छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी हुई हैं।

उनकी विरासत आज भी समानता, न्याय और शिक्षा पर आधुनिक चर्चा को प्रभावित करती है, हमें यह याद दिलाते हुए कि शिक्षा वास्तव में परिवर्तन का एक शक्तिशाली उत्प्रेरक है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.