Translate

isro chairman के स्थान पर नियुक्त: Dr.V Narayanan की उपलब्धियां क्या हैं?

Dr. V Narayanan को ISRO chairman के स्थान पर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति 14 जनवरी 2025 से प्रभावी होगी, जब वे S. Somnath का स्थान लेंगे। डॉ. नारायणन ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में लगभग चार दशकों का अनुभव प्राप्त किया है और वे वर्तमान में लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) के निदेशक हैं। इस लेख में हम उनके कार्यों, योग्यताओं, और ISRO में उनके योगदान पर चर्चा करेंगे।

(toc) #title=(Table of Content)

Dr. V Narayanan की उपलब्धियां


प्रमुख योगदान

  • C25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट: डॉ. नारायणन ने GSLV Mk III के लिए C25 क्रायोजेनिक स्टेज का सफल विकास किया। यह स्टेज भारत के अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण है।
  • 183 लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स का विकास: उन्होंने विभिन्न ISRO मिशनों के लिए 183 लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स और नियंत्रण पावर प्लांट्स का विकास किया है।
  • PSLV और GSLV में योगदान: PSLV C57 के लिए नियंत्रण पावर प्लांट्स और PSLV के दूसरे और चौथे चरणों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3: इन मिशनों में भी डॉ. नारायणन ने प्रोपल्शन सिस्टम्स के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • अभ्यास और नवाचार: उन्होंने एब्लेटिव नोज़ल सिस्टम, कम्पोजिट मोटर केस, और कम्पोजिट इग्नाइटर केस के विकास में भी योगदान दिया।

ISRO Chairman की योग्यताएं क्या हैं?


डॉ. नारायणन की योग्यता उन्हें इस पद के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार बनाती है:
  • education background: उन्होंने IIT खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में M.Tech किया है और 2001 में एरोस्पेस इंजीनियरिंग में Ph.D. प्राप्त की।
  • Experience: ISRO में शामिल होने से पहले, उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जिसमें रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट प्रोपल्शन विशेषज्ञता शामिल है।
  • multiple awards: उन्हें IIT खड़गपुर से सिल्वर मेडल, एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया से गोल्ड मेडल, और कई अन्य पुरस्कार मिले हैं।

ISRO Chairman का वेतन कितना है?

ISRO chairman का वेतन लगभग ₹2.5 लाख प्रति माह होता है। इसके अतिरिक्त, उन्हें विभिन्न भत्ते जैसे कि डियरनेस अलाउंस, हाउस रेंट अलाउंस, और चिकित्सा भत्ते भी मिलते हैं। कुल मिलाकर, उनकी मासिक आय लगभग ₹4.25 लाख तक पहुंच जाती है.

ISRO Chairman का कार्यकाल कितना होता है?

ISRO chairman का कार्यकाल निश्चित नहीं होता है। आमतौर पर यह कार्यकाल चार से पांच वर्षों तक होता है, लेकिन यह संगठन की आवश्यकताओं और सरकार की नीतियों पर निर्भर करता है.

2025 में ISRO के नए chairman कौन होंगे?

डॉ. वी नारायणन 14 जनवरी 2025 को ISRO chairman का पद ग्रहण करेंगे। इससे पहले S. Somnath इस पद पर थे। भविष्य में अन्य संभावित उम्मीदवारों का चयन संगठन की आवश्यकताओं और सरकार की प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा।

ISRO के पुराने CEO कौन हैं?


ISRO के पिछले CEOs में शामिल हैं:

इन सभी ने अपने कार्यकाल में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

ISRO में उच्चतम रैंक कौन है?

ISRO में उच्चतम रैंक ISRO Chairman होती है। इसके अलावा, अन्य उच्च पदों में सचिव (अंतरिक्ष) और विभिन्न केंद्रों के निदेशक शामिल होते हैं.

ISRO के संस्थापक कौन हैं?

ISRO की स्थापना विक्रम साराभाई ने 1969 में की थी। उन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है और उनके नेतृत्व में भारत ने अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक नई दिशा दी.

निष्कर्ष


डॉ. वी नारायणन की नियुक्ति ISRO chairman के रूप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके पास अनुभव और ज्ञान का एक समृद्ध भंडार है जो उन्हें इस भूमिका को निभाने के लिए सक्षम बनाता है। उनकी उपलब्धियों ने उन्हें इस क्षेत्र में एक सम्मानित वैज्ञानिक बनाया है, और उनकी नेतृत्व क्षमता से भारत के अंतरिक्ष मिशनों को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने की उम्मीदें हैं। 

इस प्रकार, डॉ. नारायणन न केवल अपने कार्यों से बल्कि अपनी योग्यताओं से भी इस पद के लिए उपयुक्त साबित होते हैं। उनके नेतृत्व में ISRO निश्चित रूप से भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहेगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.